चैत्र नवरात्रि 2019: पूजन विधि || नवरात्रि कब से चालू है || नवरात्रि उपवास कब खोले?

चैत्र नवरात्रि 2019: पूजन विधि || नवरात्रि कब से चालू है || नवरात्रि उपवास कब खोले?
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को विक्रम संवत में परिवर्तन होता है। उसी दिन से, बसंतार नवरात्रि शुरू होती है। इस बार चैत्र माह से शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के साथ 14 अप्रैल यानि 14 अप्रैल से नवरात्र शुरू होंगे।

नवरात्रि पूजन विधि 2019

भारतीय ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष पंडित के ए दुबे पद्मेश और महोपाध्याय आदित्य पांडे ने कहा कि इस तिथि से दादा ब्रह्मा ने ब्रह्मांड की रचना की थी। आकाश में रेवती नक्षत्र था। संजोग यह भी है कि इस बार प्रतिपदा के दिन, रेवती नक्षत्र भी है।

भगवती के पहले स्वरूप की पूजा की जाएगी। उस दिन वैधता योग भी है। वैधृति योग को शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए कलश स्थापना से पहले ध्वज के साथ ध्वज को घर में लगाना चाहिए। शुक्ला ने बताया कि विक्रम संवत 2076 के राजा शनि और मंत्री सूर्य हैं।
शनि के पिता सूर्य हैं। इस कारण पिता और पुत्र का वर्ष है। शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति होगी। मंत्री सूर्य हैं। इस साल टैक्स बढ़ जाएगा। न्यायपालिका का वर्चस्व बढ़ेगा। बड़ी बारिश होगी।

घट घट
पवित्र मिट्टी से वेदी का निर्माण करें, फिर उसमें जौ और गेहूं बोएं और उस पर घनी मिट्टी, तांबा, चांदी या सोने का कलश स्थापित करें। एक कलश पर देवी की प्रतिमा स्थापित करें और आधे अधूरे मन से उनकी पूजा करें। श्रीसद्‌गुरु को श्री सदगुरू की शिक्षा का सख्ती से पालन करें। पाठ पूरा होने के दिन एक दशक से भी कम या उससे कम का प्रदर्शन किया जाना चाहिए। पूजा में घी के दीपक की पूजा करें और उसकी गंध, अक्षत और पुष्प से पूजा करें।

Popular posts from this blog

'बाबर आजम छोड़ दें कप्तानी...', पाकिस्तानी दिग्गज बासित अली ने 2 दावेदारों से कहा

Maharashtra's Maratha reservation route cleared, CM Fadnavis says, Maratha, Reservation,

मकर संक्रांति 2019 | मकर संक्रांति का महत्व | मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है